हरियाणा

किसानों के डबल नाम ही बन रहे पैंशन में बाधा

सत्यखबर निसिंग (सोहन पोरिया) – प्रदेश सरकार ने पांच एकड़ से कम जमीन वाले लघु एवं सीमांत किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत छह हजार रूपए वार्षिक पैंशन से लाभान्वित करने की घोषणा की थी। जिसे पूरा करने के लिए क्षेत्र में आवेदन भरने का कार्य जोरों से चल रहा है। विभिन्न गांवों की चौपालों में योजना का लाभ लेने वाले किसानों की भीड़ उमड़ रही है। लेकिन आधार कार्ड व बैंक खाते में अंकित नाम जमीन की जमाबंदी के साथ नही मिलने से किसान हताश दिखाए दिए। उन्हें उनकी पैंशन लागू नही होने का अंदेशा सता रहा था। हांलाकिे उन्होंने आवेदन फार्म भरकर पटवारी व ग्राम सचिव के सुपर्द किए है। उन्होंने आवेदनों को आगे भेजने की बात भी कही, लेकिन पैंशन बनेगी या आवेदन रद्द कर दिए जाऐगें। यह बात संबंधित विभाग के अधिकारियो पर निर्भर है।

गांवों में एक व्यक्ति को दो या तीन नामों से पुकारा जाता है। उनके अधिक नाम ही उनकी पैंशन में बाधा बन गए है। जिन्हें ठीक करवाने में समय भी अधिक लगेगा। संभवत: तब तक योजना भी खत्म हो जाए। किसानों को दो नामों के कारण पात्र होते हुए भी योजना का लाभ नही मिलने का डर सता रहा है। मौके पर मौजूद पटवारी रविकुमार, ग्राम सचिव मुकेश कुमार, नंबरदार विक्रम राणा व नंबरदार धर्मपाल राणा किसानों को योजना एवं आवेदन के साथ सलग्र दस्तावेजों की विस्तृत जानकारी से अवगत भी करवा रहे है।

महिंद्र सिंह का कहना था कि जमावंदी में दर्ज नाम के साथ उनका आधार कार्उ व बैंक अकाउंड में अंकित नाम नही मिल रहा। जिससे उसे पात्र होते हुए भी पैंशन का लाभ नही मिलने का अंदेशा सता रहा है। जिसे ठीक करवाने में भी अधिक समय लगेगा। उनका कहना था कि सर नेम व डबल नामों वाले किसानों में प्रत्येक छोटे गांव में दर्जनों व बडों गांवों में सैंकडों किसान है। जो छोटी सी गलती के कारण लाभ से वङ्क्षंचत रह गए है

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किसान दुलीचंद के अनुसार उनके पिता का देहांत हुए कई वर्ष हो गए है। जमाबंदी में उनका नाम तो आ गया है, लेकिन उन्होंने जमीन का इंतकाल अभी तक अपने नाम नही करवाया। हांलाकि उन्होंने आवेदन भरा है बावजूद भी उन्हें पैंशन का लाभ नही मिलने का डर सता रहा है।

पंकल शर्मा के अनुसार कई किसानों के नाम जमीन अधिक है, लेकिन लिस्ट में कम दर्शायी गई है। वहीं दिसंबर 2018 व जनवरी 2019 में जमीन नाम करवाने वाले किसानों के लिस्ट में नाम नही मिले। जो किसानों की पैंशन लागू होने में अड़चन बन रही है।

ये है किसानों की मांग
क्षेत्र के किसानों ने प्रशासन से मांग की है किसानों के नाम में किसी प्रकार की गलती के मद्देनजर किसान से शपथ पत्र लेकर पैंशन बनाई जाए। गांव के नंबरदार द्वारा सत्यापित शपथपत्र को स्वीकार किया जाए ताकि किसान को कचहरी में धक्के न खाने पडे। वहीं किसानों द्वारा जमा करवाए गए आवेदनों के किसी कारणवशे रिजेक्ट होने पर किसान को इसकी सूचना दी जाए। ताकि किसान दोबारा आवेदन कर सके।

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